आयोडिन अल्पता बचाव दिवस: सदर अस्पताल से लेकर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तक जागरूकता कार्यक्रम

 


- एएनएम स्कूल की छात्राओं द्वारा निकाली गई जागरूकता रैली,  सिविल सर्जन, डीपीएम और एनसीडीओ ने दिखाई हरी झंडी 


- हेल्थ एंड सेंटर इटहरी, नौवागढ़ी में पोस्टर के जरिये लोगों को किया गया जागरूक 


मुंगेर-


 वैश्विक आयोडिन अल्पता बचाव दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल मुंगेर से लेकर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। सदर अस्पताल में भोजन में आयोडिन युक्त नमक का इस्तेमाल करने और आयोडिन युक्त खाद्य पदार्थ के इस्तेमाल के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से एएनएम स्कूल की छात्राओं द्वारा निकाली गई जागरूकता रैली को सिविल सर्जन डॉ. हरेन्द्र आलोक, डीपीएम नसीम रजि और एनसीडीओ डॉ. के. रंजन ने हरी झंडी दिखाई। जागरूकता रैली सदर अस्पताल से निकलकर विभिन्न मार्गों से होते हुए पुनः सदर अस्पताल पर आकर समाप्त हो गई। इस दौरान एएनएम स्कूल की छात्राएं मानव जीवन में आयोडिन के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करने के नारे भी लगा रही थी ।जैसे खाने- पीने में आयोडिन का करें इस्तेमाल, गवाइटर जैसी बीमारियों से पाएं निजात ! इस अवसर पर एएनएम स्कूल की प्रभारी प्राचार्य रागिनी कुमारी, लेखापाल उत्तम केशरी, एनसीडी कार्यालय की राखी मुखर्जी, नितिन कुमार, राहुल कुमार और राजीव कुमार सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे। 


इस अवसर पर मुंगेर के गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. के. रंजन ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को वैश्विक आयोडिन अल्पता बचाव दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष आज से 28 अक्टूबर तक सदर अस्पताल अनुमंडल अस्पताल तारापुर सहित सभी सीएचसी-पीएचसी के साथ -साथ हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर आयोडीन के महत्त्व, भोजन में आयोडिन की अनिवार्यता और आयोडिन की कमी से होने वाली बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है। इसके के लिए अनुमण्डल अस्पताल तारापुर के अस्पताल उपाधीक्षक, सीएचसी और पीएचसी के एमओआईसी के साथ- साथ हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सीएचओ को आईईसी मैटेरियल उपलब्ध कराने के साथ- साथ विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम के सफल संचालन के आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि आयोडिन की कमी से होने वाली विभिन्न बीमारियों से बचने का एक मात्र यही उपाय है कि खाने में आयोडाइज्ड नमक का इस्तेमाल किया जाय । इसके साथ ही शरीर में आयोडिन की कमी को पूरा करने के लिए दूध, अंडा, मछली फल हरी सब्जी का इस्तेमाल करना चाहिए। ये गर्भवती महिलाओं, शिशु को स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए बहुत ही आवश्यक है।  


इसके साथ ही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर इटहरी, नौवागढ़ी मुंगेर में भी गुरुवार को कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) अर्चना कुमारी के नेतृत्व में आशा कार्यकर्ता ने जागरूकता पोस्टर और  नमक का प्रदर्शन कर उपस्थित महिलाओं को आयोडिन के महत्व के प्रति जागरूक किया। इस अवसर पर उपस्थित महिलाओं को सम्बोधित करते हुए उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं और शिशु को स्तनपान कराने वाली माताओं को अपने भोजन में आयोडिन युक्त नमक और खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल अनिवार्य रूप से करना आवश्यक है। इसकी कमी से गवाइटर या घेंघा रोग के अलावा स्वतः गर्भपात, जन्मजात बहरापन, गूंगापन, थायराइड संबंधी समस्या के साथ -साथ मंद बुद्धि शिशु का जन्म और जन्म के बाद शिशु के बौना या ठिगना होने की भी समस्या संभवना रहती है।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

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