मिशन परिवार विकास पखवाड़ा में 12 सौ महिलाओं का हुआ बंध्याकरण

-जिले में 17 से 29 जनवरी तक चला मिशन परिवार विकास पखवाड़ा

-पखवाड़ा में लोगों को परिवार नियोजन के प्रति किया गया जागरूक

बांका, 31 जनवरी

जिले में 17 से 29 जनवरी तक चले मिशन परिवार विकास पखवाड़ा में लगभग 12 सौ महिलाओं का बंध्याकरण किया गया। इस दौरान जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में अभियान चलाकर लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया गया और महिलाओं का बंध्याकरण किया गया। काउंसिलिंग में लोगों को परिवार नियोजन को लेकर अस्थाई सामग्री के इस्तेमाल को लेकर जागरूक किया गया। लोगों को यह समझाया गया कि परिवार नियोजन के लिए अस्थाई सामग्री का इस्तेमाल बहुत ही लाभकारी है। इसके इस्तेमाल से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है।

एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि जिले में मिशन परिवार विकास पखवाड़ा का संचालन काफी सफलतापूर्वक तरीके से किया गया। काफी संख्या में महिलाओं का ऑपरेशन किया गया। साथ ही लोगों को परिवार नियोजन के बारे में जानकारी दी गई। परिवार नियोजन से होने वाले फायदे के बारे में भी बताया गया। परिवार नियोजन से किस तरह के फायदे होते हैं, इसकी जानकारी लोगों को दी गई। लोगों में परिवार नियोजन से संबंधित सामग्री का वितरण भी किया गया। 

जारी रहेगा परिवार नियोजन अभियानः डॉ. चौधरी ने बताया कि पखवाड़ा भले ही समाप्त हो गया है, लेकिन परिवार नियोजन को लेकर जिले में अभियान जारी रहेगा। आशा कार्यकर्ता क्षेत्र में जाकर लोगों को लगातार परिवार नियोजन के प्रति जागरूक कर रही हैं। यह अभियान आगे भी चलता रहेगा। अगर बंध्याकरण समेत परिवार नियोजन से संबंधित अन्य तरह का अभियान चलता रहेगा। इसलिए बंध्याकरण को लेकर इच्छुक व्यक्ति जिले के किसी भी सरकारी अस्पताल में जाकर ऑपरेशन करा सकते हैं।

पांच पुरुषों का भी हुआ बंध्याकरणः अभियान के दौरान सबसे खास बात यह रही कि पांच पुरुषों का भी ऑपरेशन किया गया। आमतौर पर पुरुष बंध्याकरण से हिचकिचाते हैं। उनके मन में तमाम तरह के भ्रम रहते हैं, लेकिन बंध्याकरण से पुरुषों को कोई नुकसान नहीं होता है। डॉ. चौधरी कहते हैं कि पुरुषों को बंध्याकरण से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है, इसकी जानकारी लगातार लोगों को दी जा रही है। इसे लेकर लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि अब जिले के पुरुष भी बंध्याकरण को लेकर सामने आ रहे हैं।

दो बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल जरूरीः केयर इंडिया के परिवार नियोजन के जिला समन्वयक कन्हैया कुमार कहते हैं कि पखवाड़ा के दौरान दंपति को समझाया गया कि दो बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल जरूरी है। इससे जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ्य रहता है। साथ ही बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, जिससे वह भविष्य में बीमारियों की चपेट में नहीं आता है। अगर आता भी है तो वह उससे जल्द उबर जाता है। इसके अलावा पहला बच्चा भी 20 साल के बाद ही पैदा करने की सलाह लोगों को दी गई। इन सारी बातों को लगातार लोगों को बीच ले जाई जा रही है। पखवाड़ा समाप्त होने के बाद भी लोगों को इस संबंध में जागरूक किया जाएगा।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

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