अब पीकेडीएल मरीजों की ऑख की भी होगी जाँच, गोगरी रेफरल अस्पताल में सुविधा की हुई शुरुआत 

 
 
- जाँच के मिले पीकेडीएल संक्रमित मरीजों को उपलब्ध करायी जाएगी समुचित चिकित्सा सुविधा  
- पीकेडीएल संक्रमित मरीजों को सरकार द्वारा आर्थिक सहयोग के रूप दी जाती है राशि 
 
खगड़िया, 17 फरवरी-
 
पूरे प्रदेश में कालाजार उन्मूलन को लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है । इसे सुनिश्चित करने को लेकर हर जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं। जिसे सार्थक रूप देने के लिए जिले में स्थानीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा जहाँ तमाम गतिविधियों समेत अन्य जरूरी पहल की जा रही है। वहीं, अब पीकेडीएल (चमरा वाला कालाजार) मरीजों की इलाज के दौरान ऑख की भी जाँच होगी। इस सुविधा की शुरुआत गोगरी रेफरल अस्पताल में की गई। जिसके बाद अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में भी सुविधाएं बहाल हुई। ताकि इस बीमारी से पीड़ित मरीज सुविधाजनक तरीके से अपना समुचित इलाज करवा सके। यह जाँच की सुविधा जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विजय कुमार के नेतृत्व में शुरू की गई है। यह सुविधा जिले वासियों के लिए सुखद खबर है। 
 
- कालाजार उन्मूलन को लेकर को किए जा रहे हैं हर जरूरी प्रयास : 
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विजय कुमार ने बताया, कालाजार उन्मूलन को लेकर जिले में लगातार हर प्रयास किए जा रहे हैं। ताकि इस बीमारी का प्रभाव कम हो सके और सामुदायिक स्तर पर लोग इस बीमारी से सुरक्षित हो सकें। इसको लेकर लगातार घर-घर कालाजार मरीज खोज अभियान चलाकर मरीजों की पहचान की जा रही है। इस दौरान संक्रमित पाए जाने वालों मरीजों को समुचित स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा अब पीकेडीएल के मरीजों की ऑख की भी जाँच की सुविधा शुरू कर दी गई है। दरअसल, पूर्व ऐसे मरीजों में इलाज के पश्चात ऑख से संबंधित परेशानी सामने आई थी। जिसके कारण यह सुविधा शुरू की गई। ताकि यह स्पष्ट हो सके कि मरीजों में ऑख से संबंधित कोई परेशानी तो नहीं है। वहीं, उन्होंने बताया, ऐसे मरीजों का एक सप्ताह के अंतराल पर ऑख की जाँच की जाएगी। 
 
- कालाजार मरीजों की जाँच से लेकर इलाज तक की अस्पतालों में निःशुल्क सुविधा है उपलब्ध : 
केयर इंडिया के डीपीओ कृष्ण कुमार भारती ने बताया, कालाजार मरीजों की जाँच से समुचित इलाज तक की सुविधा सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क उपलब्ध है। यही नहीं, मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाने का प्रावधान है। साथ ही पाॅजिटिव मरीजों का सहयोग करने पर प्रति मरीज 500 रुपये की राशि संबंधित आशा कार्यकर्ता को दी जाती है। वहीं, उन्होंने बताया, 15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे व्यक्ति, जिन्हें बुखार नहीं हो, लेकिन उनके शरीर की त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनना पीकेडीएल के लक्षण हो सकते हैं। इसलिए, ऐसे लोगों को तुरंत जाँच करानी चाहिए। ताकि समय पर इलाज शुरू हो सके।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

    Dr. Rajesh Kumar

संबंधित पोस्ट