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मलेरिया मरीज का इलाज कराने पर आशा को मिलेगा 75 रुपये, जांच करने पर 15
-सदर अस्पताल में जिले की आशा कार्यकर्ताओं को मलेरिया को लेकर दिया गया प्रशिक्षण
-आशा कार्यकर्ताओं को मलेरिया के लक्षण और आरडीटी किट से जांच के तरीके बताए गए
बांका, 24 फरवरी-
आशा कार्यकर्ता क्षेत्र में जाकर मलेरिया के लक्षण वाले मरीजों की आरडीटी किट से जांच करेंगी। प्रति जांच उन्हें 15 रुपये की राशि भी दी जाएगी। साथ ही मरीज मिलने पर उसका इलाज कराने पर 75 रुपये प्रति मरीज अलग से दिया जाएगा। इसे लेकर आशा कार्यकर्ताओं को गुरुवार को सदर अस्पताल में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में उन्हें मलेरिया के लक्षण और उसके बचाव की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के दौरान सभी आशा कार्यकर्ताओं को क्षेत्र में तेज गति से जांच करने और क्षेत्र को मलेरिया से मुक्त करने में लग जाने के लिए कहा गया। प्रशिक्षण में शंभूगंज, बांका, कटोरिया, धोरैया और रजौन प्रखंड की 50 आशा कार्यकर्ता शामिल थीं। ट्रेनिंग देने का काम जिला वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. बीरेंद्र कुमार यादव और वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल ने किया। मौके पर जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उमेश नंदन प्रसाद सिन्हा, चिकित्सा पदाधिकारी यक्ष्मा डॉ. सोहैल अंजुम, गणेश झा, सुभाष कुमार साह, राकेश कुमार और सौरभ कुमार भी मौजूद थे। इस दौरान जिला संचारी रोग पदाधिकारी ने आशा कार्यकर्ताओं को क्षेत्र में जाकर यक्ष्मा पर भी काम करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही बांका जिला में शत प्रतिशत 100 आशा कार्य़कर्ताओं का प्रशिक्षण वित्तीय वर्ष 2021-22 में संपन्न हो गया। मालूम हो कि मलेरिया उन्मूलन को लेकर सभी जिलों में 100 आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण कराया जा रहा है, ताकि 2030 तक मलेरिया को खत्म किया जा सके। इसी सिलसिले में इस प्रशिक्षण का आयोजन कराया गया।
आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देते हुए डॉ. बीरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि मलेरिया प्लाजमोडियम नामक परजीवी से संक्रमित मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया एक प्रकार का बुखार है जो किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। इसमें कंपकंपी के साथ 103 से लेकर 105 डिग्री तक बुखार होता है। कुछ घंटों के बाद पसीने के साथ बुखार उतर जाता है, लेकिन बुखार आते-जाते रहता है। उन्होंने कहा कि फेलसीपेरम मलेरिया (दिमारी मलेरिया) की अवस्था में तेज बुखार होता है। खून की कमी हो जाती है। बुखार दिमाग पर चढ़ जाता है। फेफड़े में सूजन हो जाती है। पीलिया एवं गुर्दे की खराबी फेलसीपेरम मलेरिया की मुख्य पहचान है।
सरकारी अस्पतालों में जांच और इलाज की मुफ्त व्यवस्थाः डॉ. यादव ने कहा कि मलेरिया बुखार होने पर पीड़ित व्यक्ति को नजदीकी सरकारी अस्पताल जाना चाहिए। खून की जांच में मलेरिया निकलने पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा लेनी चाहिए। सरकारी अस्पतालों में इसकी निःशुल्क जांच और इलाज की व्यवस्था है। मलेरिया फैलाने वाला मच्छर किसी स्थान पर ठहरे हुए साफ पानी और धीमी गति से बहने वाली नालियों में अंडे देती है और वहां पर पनपती है।
सोते समय मच्छरदानी का करें प्रयोगः आरिफ इकबाल ने मलेरिया से बचने की सलाह देते हुए कहा कि पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े पहनें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आसपास जलजमाव वाली जगहों को मिट्टी से भर दें। जलजमाव वाले स्थान पर केरोसिन तेल या डीजल डालें। घर के आसापस बहने वाली नाले की साफ-सफाई करते रहें। उन्होंने कहा कि मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में सरकार की तरफ से डीडीटी का छिड़काव कराया जाता है। छिड़काव कर्मियों के आने पर उनका सहयोग करें और छिड़काव की तिथि की जानकारी ग्रामीणों को दें।
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रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar