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कालाजार का मरीज मिलते ही उसका कराया जा रहा इलाज
-कालाजार उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध
-धोरैया में मरीज मिला तो तत्काल कराया उसका इलाज
बांका, 17 जून-
कालाजार पर काबू पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। जिले में जहां भी कोई मरीज मिलता है, तत्काल उसका इलाज किया जाता है। पिछले दिनों धोरैया के धनकुंड के काठ बनगांव की शबनम खातून कालाजार से प्रभावित मिली। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनका इलाज करवाया और अब वह स्वस्थ है। शबनम खातून कहती है, मैं काफी दिनों से बीमार थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम को जब जानकारी मिली तो उन्होंने मेरा टेस्ट करवाया, जिसमें कालाजार की पुष्टि हुई। इसके बाद मेरा इलाज करवाया गया। अब मैं स्वस्थ हूं। स्वास्थ्य विभाग की तत्परता का परिणाम है कि जिले के कई प्रखंड अभी कालाजार से मुक्त है। अभी जिले के अमरपुर, बांका सदर, बौंसी, बाराहाट और धोरैया प्रखंड ही कालाजार प्रभावित हैं। इन प्रखंडों को भी कालाजार से मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है। लगातार यहां पर सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव कराया जाता है।
7100 रुपये की मिलेगी राशिः कालाजार से ठीक हुए मरीज को 7100 रुपये दिए जाते हैं, जिसमें 500 रुपये केंद्र सरकार की ओर से एवं 6600 रुपये मुख्यमंत्री कालाजार राहत कोष की ओर से दिया जाता है। मरीज को पौष्टिक भोजन के लिए यह राशि दी जाती है। खबनम खातून को भी यह राशि दी गई। पहले सर्टिफिकेट दिया जाता है, उसके बाद राशि देने की प्रक्रिया पूरी की जाती है।
कालाजार की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट: जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. बीरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि कालाजार की रोकथाम व इसके सौ फीसदी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। प्रभावित प्रखंडों में छिड़काव का काम लगातार करवाया जाता है। डॉ. यादव ने लोगों से अपील की है कि बीमारी से बचाव के लिए घर के आसपास जलजमाव नहीं होने दें। यदि जलजमाव की स्थिति है तो उसमें किरासन तेल डालें। सोते समय मच्छरदानी लगाएं। साथ ही बच्चों को पूरा कपड़ा पहनायें व शरीर पर मच्छर रोधी क्रीम लगाएं। कालाजार के खतरे को देखते हुए अपने घरों की भीतरी दीवारों और बथानों में कीटनाशक का छिड़काव करने व आसपास के हिस्से को सूखा व स्वच्छ रखने की अपील उन्होंने की।
कालाजार की ऐसे करें पहचान: वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल ने बताया कि कालाजार एक वेक्टर जनित रोग है। कालाजार के इलाज में लापरवाही से मरीज की जान भी जा सकती है। यह बीमारी लिश्मैनिया डोनोवानी परजीवी के कारण होती है। कालाजार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलने वाली बीमारी है। यदि व्यक्ति को दो सप्ताह से बुखार हफ्ते से बुखार और तिल्ली और जिगर बढ़ गया हो तो यह कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। साथ ही मरीज को भूख न लगने, कमजोरी और वजन में कमी की शिकायत होती है। यदि इलाज में देरी होता है तो हाथ, पैर व पेट की त्वचा काली हो जाती है। बाल व त्वचा के परत भी सूख कर झड़ते हैं। कालाजार के लक्षणों के दिखने पर रोगी को तुरंत किसी नजदीकी अस्पताल या पीएचसी भेजा जाना चाहिए। सभी पीएचसी में कालाजार की जांच मुफ्त में की जाती है। साथ ही इसका इलाज एक दिन में ही सिंगल डोज एंबीजोम द्वारा जिले के सदर अस्पताल में बिल्कुल मुफ्त है।
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रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar