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विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर महिलाओं के साथ प्रजनन स्वास्थ्य एवं एनीमिया पर कार्यशाला
• सहयोगी संस्था द्वारा महिलाओं से स्वास्थ्य पर संवाद
• लगभग 55 लोगों ने जूम एप के माध्यम से जुड़ कर अपनी राय रखी
• लिंग आधारित भेदभाव महिलाओं के स्वास्थ्य पर किस तरह प्रभाव डालता है खुल कर हुई बात
• प्रजनन स्वाथ्य तथा एनीमिया पर हुई चर्चा
पटना 07 अप्रैल:
वृहस्पतिवार को जूम एप पर एक कार्यशाला रखा गया जिसका उदेश्य महिलाओं के स्वास्थ्य पर चर्चा करना था. क्योंकि सहयोगी महिला हिंसा तथा लिंग आधारित भेदभाव पर काम करती है और महिलाओं के साथ उनके स्वास्थ्य पर बात करना जरुरी है। महिलाऐं अक्सर अपने घर तथा बच्चों के ख्याल रखने के कारण खुद स्वास्थ्य की चिंता नहीं करती है और एनीमिया से ग्रसित रहती हैं। महिलाऐं अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता नहीं देती हैं।
आज के कार्यशाला में पूर्वी तथा मोना द्वारा बताया गया कि घर में काम और खाने में बराबरी होनी चाहिए, क्योंकि हमारी महिलाऐं सुबह से उठ कर काम में तो लग जाती है लेकिन जब उनके खाने की बात होती है तो सबसे आखिरी में खाती है। और खाना भी इस तरह कि अगर कुछ पौष्टिक आहार है खाने में तो सबसे पहले घर के पुरुष तथा लड़कों को मिलेगी उसके बाद किशोरी तब जा कर महिलाओं को।
क्या कहते हैं आंकड़े:
समुदाय में सामान स्वास्थ्य सुविधाओं को फ़ैलाने के लिए लोगों को जागरूक करना तथा स्वास्थ्य संबंधी मामलों से जुड़ें मिथकों को दूर करना और उन विचारों पर काम करना विश्व स्वास्थ्य दिवस का उदेश्य है। NFHS-5 के अनुसार बिहार में 63.5 प्रतिशत महिलाऐं एनीमिया की शिकार हैं – शहरी क्षेत्र में 15-49 वर्ष में 65.6, ग्रामीण क्षेत्र में 63.1 प्रतिशत महिलाऐं एनीमिया की शिकार हैं। अगर हम किशोरी की बात करें तो शहरी क्षेत्र में 15-19 वर्ष की 67.2 प्रतिशत, ग्रामीण क्षेत्र में 65.4 प्रतिशत किशोरी एनीमिया की शिकार हैं।
महिलाऐं ऐसे तो अपने दिन-चर्या में इतनी व्यस्त रहती है कि उनका शरीर स्वस्थ है या नहीं इसपर ध्यान नहीं देती हैं. लेकिन जब उनको ऐसा माहौल मिलता है जहाँ उनको लगता है वो अपनी बात बिना किसी संकोच के रख सकती हैं तो विभिन्न तरह के सवाल पूछती हैं, जैसे :- माहवारी के दौरान बहुत दर्द होता है, खून का जम-जम कर गिरना, कम पानी से योनि में जलन होना, उच्च रक्तचाप होना, ऑपरेशन के बाद पेट क्यों फैलता है आदि।
कार्यशाला में महिलाओं से कुछ-कुछ सवाल किए गए,
1. जैसे – अपने घर में आप क्या-क्या काम करती हैं।
2. पुरे दिन में खाने में क्या खाते हैं।
कार्यशाला में बताया गया कि एनीमिया से बचने के लिए क्या-क्या किया जा सकता है।
• डॉक्टर से दिखाएं
• आयरन वाली सब्जी खाएँ
• पिली दाल खाएँ
• अंकुरित चना खाएँ
• माहवारी के दौरान कपड़े की साफ़-सफाई रखें
• 7-8 घंटे की नींद पूरी करेंमाहवारी के दौरान दावा न खाएँ
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रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar