लखीसराय जिले के पोषण पुनर्वास केंद्र में बच्चों को मिल रही है बेहतर स्वास्थ्य सुविधा 

 
 
- भर्ती 17 बच्चों को मिल रही है स्वास्थ्य सुविधा का लाभ, दी जाती है आवश्यक चिकित्सा परामर्श
- अति कुपोषित बच्चों को चिह्नित कर भेजा जाता है पोषण पुनर्वास केंद्र 
 
लखीसराय, 25 मई।
कुपोषणमुक्त समाज निर्माण के उद्देश्य से प्रदेश के सभी जिले में सरकार द्वारा खोले गए पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) कुपोषण की समस्या से पीड़ित बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। जिले में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र में बच्चों का ना सिर्फ आवश्यकतानुसार समुचित इलाज हो रहा बल्कि, इलाज के दौरान दी जाने वाली अन्य सुविधाएं भी बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जा रही है। ताकि भर्ती बच्चे जल्द से जल्द स्वस्थ हो सकें और कुपोषण मुक्त समाज निर्माण को बढ़ावा मिल सके। वर्तमान में जिले के एनआरसी में 17 बच्चे भर्ती हैं। सभी भर्ती बच्चों को एनआरसी में सुविधाजनक तरीके से बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं प्रदान कराई जा रही और अन्य जरूरी बातों का उचित ख्याल रखा जा रहा है। 
 
- कुपोषित बच्चों के लिए संजीवनी है पोषण पुनर्वास केंद्र : 
सिविल सर्जन डॉ देवेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया, राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिले में भी बच्चों में पोषण की कमी से निपटने के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र की स्थापना की गई है। जो कुपोषण की समस्या से पीड़ित बच्चों के बीच संजीवनी साबित हो रही है। वहीं, उन्होंने बताया, कुपोषण की समस्या से जूझ रहे बच्चों को 21 दिनों के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र में रखा जाता है। जहाँ कुपोषित बच्चों को डाक्टर्स की सलाह के अनुसार ही उनका खानपान का विशेष ख्याल रखा जाता है। पोषण पुनर्वास केंद्र में मिलने वाली सभी सुविधाएं नि:शुल्क होती है। यहां भर्ती हुए बच्चों के वजन में न्यूनतम 15 % की वृद्धि के बाद ही उसे यहां से डिस्चार्ज किया जाता है। वहीं, उन्होंने कहा, मैं जिले वासियों से अपील करता हूँ कि जिनका भी बच्चा कुपोषण की समस्या से पीड़ित है, वह स्थानीय आंगनबाड़ी सेविकाओं से संपर्क कर अपने बच्चों को लखीसराय सदर अस्पताल परिसर स्थित एनआरसी में भर्ती कराएं। अगर इस दौरान उन्हें किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं होती हो तो वह अपने स्थानीय स्वास्थ्य संस्थान या फिर स्वास्थ्य विभाग के जिला मुख्यालय और एनआरसी जाकर भी आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 
 
- पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती होने के लिए तय किए गए हैं ये मानक :
डीपीसी सुनील कुमार ने बताया, कुपोषण के शिकार बच्चे को पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती करने के लिए कुछ मानक निर्धारित किए गए हैं। इसके तहत बच्चों की विशेष जांच, जैसे उनका वजन व बांह आदि की माप की  जाती है। इसके साथ ही छह माह से अधिक एवं 59 माह तक के ऐसे बच्चे जिनकी बाई भुजा 11.5 सेमी हो और उम्र के हिसाब से लंबाई व वजन न बढ़ता हो वो कुपोषित माने जाते है। वैसे बच्चों को ही पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती किया जाता है। इसके साथ ही दोनों पैरों में पिटिंग एडीमा हो तो ऐसे बच्चों को भी यहां पर भर्ती किया जाता है।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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