- World Wide
- International
- National
- State
- Union Territory
- Capital
- Social
- Political
- Legal
- Finance
- Education
- Medical
- Science & Tech.
- Information & Tech.
- Agriculture
- Industry
- Corporate
- Business
- Career
- Govt. Policy & Programme
- Health
- Sports
- Festival & Astrology
- Crime
- Men
- Women
- Outfit
- Jewellery
- Cosmetics
- Make-Up
- Romance
- Arts & Culture
- Glamour
- Film
- Fashion
- Review
- Satire
- Award
- Recipe
- Food Court
- Wild Life
- Advice

बांका जिले में नाइट ब्लड सर्वे में अबतक 114 फाइलेरिया मरीजों की हुई पहचान
-5848 सैंपल संग्रहित किए गए, इनमें से 3451 की जांच में मरीजों की हुई पुष्टि
-सबसे अधिक बेलहर में 72 मरीज चिह्नित, चांदन में भी 25 लोगों को फाइलेरिया
बांका, 18 नवंबर-
राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन के तहत जिले में नाइट ब्लड सर्वे का काम जोर-शोर से चल रहा है। सर्वे के तहत अबतक 5848 सैंपल जमा किए गए हैं। इनमें से 3451 सैंपल की जांच की गई है, जिनमें 114 फाइलेरिया मरीजों की पुष्टि हुई है। सबसे अधिक बेलहर प्रखंड में 72 फाइलेरिया के मरीज चिह्नित किए गए हैं। वहीं चांदन प्रखंड में भी 25 मरीज फाइलेरिया के निकले हैं। अमरपुर, चांदन और बेलहर में नाइट ब्लड सर्वे का काम पूरा हो गया है। जल्द ही सभी प्रखंडों में नाइट ब्लड सर्वे का काम पूरा होने की उम्मीद है।
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे को लेकर अभी तक जिलेवासियों का उत्साह काफी सकारात्मक है। काफी संख्या में लोग नाइट ब्लड सर्वे के लिए सामने आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि तीन प्रखंडों में नाइट ब्लड सर्वे का काम पूरा हो गया है। उम्मीद है 25 नवंबर तक जिले के सभी प्रखंडों में नाइट ब्लड सर्वे का काम खत्म हो जाएगा। सर्वे के दौरान लिए गए सैंपल की जांच भी तेजी से हो रही है। जांच में जो मरीज निकले हैं, उनका इलाज भी जल्द ही शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जो प्रखंड बचे हैं, वहां अभी भी दो-दो साइट हैं। एक सेंटिनल तो दूसरा रेंडम साइट। एक साइट पर नाइट ब्लड सर्वे के तहत 300 लोगों की जांच की जाएगी। नाइट ब्लड सर्वे शाम साढ़े आठ बजे से रात के 12 बजे तक किया जा रहा है। इस दौरान 20 साल से अधिक उम्र के लोगों के सैंपल लेकर जांच की जा रही है। इस काम में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि भी सहयोग कर रहे हैं।
रात में सैंपल लेने से आती है सही रिपोर्टः डीभीबीडीसीओ डॉ. बीरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे के तहत फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर वहां रात में लोगों के रक्त के नमूने लिये जाते हैं। इसे प्रयोगशाला भेजा जाता है और रक्त में फाइलेरिया के परजीवी की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। फाइलेरिया के परजीवी रात में ही सक्रिय होते हैं, इसलिए नाइट ब्लड सर्वे से सही रिपोर्ट पता चल पाता है। इससे फाइलेरिया के संभावित मरीज का समुचित इलाज किया जाता है।
नियमित और उचित देखभाल जरूरीः डीभीबीडीसीओ डॉ. यादव ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है। यह नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज की श्रेणी में आता है। फाइलेरिया हो जाने के बाद धीरे-धीरे यह गंभीर रूप लेने लगता है। इसकी नियमित व उचित देखभाल कर जटिलताओं से बचा जा सकता है। फाइलेरिया से बचाव के लिए समय-समय पर सरकार द्वारा सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाता है। इसमें आशा घर-घर जाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाती हैं।
संबंधित पोस्ट
Indian Industries to Get Global Platform as Index 2025 2.0 to Be Held in Patna,Bihar
- May 21, 2025
- 59 views
Bethal Football Academy Shines at Blue Cup Tournament Despite U-11 Final Heartbreak
- May 18, 2025
- 313 views
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar