गर्भवती महिलाएं पौष्टिक और प्रोटीनयुक्त आहार का करें सेवन


गर्भावस्था के दौरान शारीरिक पीड़ा होने पर तुरंत चिकित्सकों से लें सलाह 

- स्वस्थ मां ही सुरक्षित और सामान्य प्रसव को दे सकती हैं बढ़ावा:


-चिकित्सकीय परामर्श का करें पालन, व्यक्तिगत साफ-सफाई का रखें ख्याल 


बांका, 13 जनवरी। गर्भधारण के साथ ही हर महिला सुरक्षित और सामान्य प्रसव की पहली चाहत रखती है, लेकिन यह उतना भी आसान नहीं । इसके लिए हर गर्भवती महिला को खुद के साथ-साथ गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की जरूरत होती है। दरअसल, सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए महिला को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना बेहद जरूरी है। तभी सुरक्षित प्रसव और स्वस्थ बच्चे का जन्म हो सकता है। इसके लिए गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक और प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन करना बेहद जरूरी है। इससे न सिर्फ सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्वस्थ बच्चे का जन्म भी होगा। 

स्वस्थ मां ही सुरक्षित और सामान्य प्रसव को दे सकती हैं बढ़ावा: शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार चौधरी ने बताया कि सुरक्षित और सामान्य प्रसव तभी संभव है, जब गर्भवती महिला शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ रहेंगी। इसके लिए महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान समय-समय पर जांच करानी चाहिए और चिकित्सकीय परामर्श का पालन करना चाहिए। साथ ही पौष्टिक और प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन करना भी बेहद जरूरी है। इससे न सिर्फ महिलाएं स्वस्थ रहती हैं, बल्कि गर्भस्थ शिशु भी स्वस्थ और मजबूत होता है। 

गर्भधारण के पूर्व शारीरिक और मानसिक रूप से रहें स्वस्थ: डॉ. चौधरी कहते हैं कि अगर कोई महिला गर्भधारण के बारे में सोच रही है तो उन्हें तीन-चार माह पूर्व से योजना बनानी चाहिए।  साथ हीं  सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ रहना चाहिए, ताकि गर्भावस्था से लेकर प्रसव तक किसी प्रकार की अनावश्यक परेशानियां उत्पन्न नहीं हों। 

गर्भधारण के लिए सही उम्र होना जरूरी: डॉ. चौधरी कहते हैं कि गर्भधारण के लिए महिलाओं का सही उम्र होना भी बेहद जरूरी है। कम उम्र में गर्भधारण से हमेशा समय पूर्व प्रसव होने की संभावना बनी रहती है। इससे महिलाओं को कई प्रकार की जटिल परेशानियों से जूझना पड़ जाता है। इसलिए गर्भधारण के लिए महिलाओं का कम-से-कम 20 वर्ष का होना जरूरी है। इसलिए इस उम्र में ही गर्भधारण करना चाहिए, ताकि किसी प्रकार की अनावश्यक परेशानी उत्पन्न नहीं हो। 

प्रसव पूर्व समय-समय पर कराते रहें जांच: डॉ. चौधरी कहते हैं कि सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं को समय-समय पर जांच कराते रहना चाहिए। प्रसव पूर्व जांच के लिए सरकार द्वारा पीएचसी स्तर पर भी मुफ्त जांच की व्यवस्था की गई है। जहां हर माह नौ तारीख को गर्भवती महिलाओं की निःशुल्क जांच होती और जांचोपरांत आवश्यक चिकित्सा परामर्श दी जाती है। 

 गर्भावस्था के दौरान प्रोटीन, आयरन और कैल्सियम युक्त खाने का सेवन ज्यादा करना चाहिए: डॉ. चौधरी कहते हैं कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को प्रोटीन, आयरन और कैल्सियम युक्त खाने का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए। इस दौरान दाल, पनीर, अंडा, पालक, सोयाबीन, नॉनवेज, गुड़, अनार, नारियल, चना, हरी सब्जी आदि का सेवन करना चाहिए। साथ ही व्यक्तिगत साफ-सफाई का भी विशेष ख्याल रखना चाहिए।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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