सीपीजे कॉलेज नरेला में 10वें राष्ट्रीय प्रबंधन एवं आईटी फेस्ट-मार्केटेक-2024” का आयोजन किया

 नईदिल्ली-

गुरु गोबिंद सिंह विश्वविद्यालय, दिल्ली से संबद्ध सीपीजे कॉलेज नरेला ने छात्रों को व्यावहारिक शिक्षा से परिचित कराने वाले शैक्षणिक और संबद्ध कार्यक्रमों के आयोजन की अपनी समृद्ध परंपरा के अनुसरण में सीपीजे कॉलेज परिसर में  "डिजिटल परिवर्तन में नवाचार: भविष्य को नेविगेट करना" विषय पर “मार्केटेक-2024: 10वां राष्ट्रीय प्रबंधन और आईटी उत्सव" का आयोजन किया । डॉ. युगांक चतुर्वेदी, महानिदेशक, डॉ. ज्योत्सना सिन्हा, निदेशक और डॉ. नेहा मित्तल भास्कर, डीन ने, मुख्य अतिथि डॉ. राकेश दास, एसडीएम, नरेला और विशिष्ट अतिथि डॉ. सुनील कुमार खत्री, डीन, अनुसंधान नवाचार और विस्तार गतिविधियाँ, उप. निदेशक, एएफएसटीआईए और डॉ. साक्षी विरमानी, एसोसिएट प्रोफेसर, ऋषिहुड विश्वविद्यालय,का गर्मजोशी से स्वागत किया। जिन्होंने 7वें राष्ट्रीय सम्मेलन के तकनीकी सत्र- I और II के दौरान न्यायाधीशों के पैनल में क्रमशः सत्र अध्यक्ष और विशेषज्ञ सदस्य के रूप में इस अवसर की शोभा बढ़ाई। विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के लगभग 200 छात्र-छात्राओं ने समर्पण और उत्साह के साथ विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया।

 

डॉ. युगांक चतुर्वेदी, महानिदेशक ने स्वागत भाषण दिया, जिन्होंने मुख्य अतिथि, अन्य गणमान्य व्यक्तियों, प्रतिभागियों और इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि इस शिक्षाप्रद और ज्ञानवर्धक राष्ट्रीय उत्सव का मुख्य उद्देश्य छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, प्रबंधन तकनीकों के नए ज्ञान से लैस करना, अपने साथियों, कर्मचारियों को टीम के साथ जोड़ने के तरीकों और कार्यस्थल पर एक स्वस्थ वातावरण को बढ़ावा देना है।. मुख्य अतिथि श्री राकेश दास, एसडीएम, नरेला ने अपने मुख्य भाषण में कहा कि राष्ट्रीय उत्सव का विषय बहुत प्रासंगिक है और उन्होंने आशा व्यक्त की कि छात्र विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने के माध्यम से यह भी सीखेंगे कि स्वयं के कैरियर लक्ष्य और संगठनात्मक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी का लाभ कैसे उठाया जाए।  पहला दिन राष्ट्रीय सम्मेलन को समर्पित था, जिसमें तकनीकी सत्र, रचनात्मकता और मुख्य भाषण शामिल थे, जिसमें यह भी सुझाव दिया गया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता और नवीनतम तकनीक टिकाऊ गुणवत्ता वाली शिक्षा में कितनी भूमिका निभा सकती है। दूसरे दिन प्रबंधन और आईटी के प्रतिस्पर्धी कार्यक्रम हुए जिसमें छात्र-छात्राओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इन प्रतियोगिताओं में विभिन्न कार्यक्रम शामिल थे जैसे - गेमर डेन, वॉल पेंटिंग, मोबाइल फोटोग्राफी, डिजाइन लाइक ए प्रो, टैप ऑन द बीट, फन टसल, एडीज़ैप, डेविल फॉलो और मिस्टर एंड मिस कोडर प्रतियोगिता। प्रतियोगिताओं के मूल्यांकन के लिए नियम एवं दिशानिर्देश सावधानीपूर्वक बनाए गए और प्रतियोगिताओं को योजनाबद्ध तरीके से सुचारु रूप से आयोजित किया गया। समापन समारोह की मुख्य अतिथि प्रोफेसर (डॉ.) विजिता सिंह अग्रवाल, निदेशक, अंतर्राष्ट्रीय मामले, जीजीएसआईपीयू के मुख्य भाषण के माध्यम से उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि आउटसोर्सिंग हमारा मुख्य लक्ष्य नहीं होना चाहिए। हमारे देश की सर्वोपरि प्राथमिकता मुख्य रूप से विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी विकास हासिल करना है। हम इस तथ्य से अवगत हैं कि केवल बुनियादी ज्ञान का संचय सीमित व्यावहारिक उपयोग  का है, बल्कि हमें विकसित भारत@2047 लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आर्थिक या सामाजिक मूल्य में गुणवत्तापूर्ण उछाल प्रदान करते हुए सतत विकास के लिए तकनीकी रूप से नवाचार करना जारी रखना होगा। अंत में महानिदेशक महोदय और गणमान्य व्यक्तियों द्वारा विजेताओं को पुरस्कार वितरण और योग्य विद्यार्थियों को मिस्टर कोडर और मिस कोडर की उपाधियाँ प्रदान करने और सुश्री सौम्या गोयल एवं सुश्री इश्मीत कौर सोढ़ी, संयोजक सांस्कृतिक समिति द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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