गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण संग आरटीई पैकेट हुआ वितरित

महिलाओं को पैकेट के इस्तेमाल एवं इससे होने वाले लाभ की जानकारी दी गई

स्वच्छ भारत मिशन के तहत महिलाओं को स्वच्छता के बारे में बताया गया

टीकाकरण के दौरान सामाजिक दूरी का रखा गया ख्याल

 

 

भागलपुर, 15 मई

जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों पर फिर से टीकाकरण व आरटीई (रेडी टू ईट) पैकेट के वितरण की शुरुआत हो गई है। बीच में कुछ समय तक कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के चलते यह अभियान बंद हो गया था, लेकिन अब फिर से आंगनबाड़ी केंद्रों पर टीके पड़ने लगे हैं। हर सप्ताह के बुधवार और शुक्रवार को आंगनबाड़ी केंद्रों व सामुदायिक भवन पर बच्चों को टीके व गर्भवती महिलाओं को आरटीई के पैकेट दिए जाते हैं। शुक्रवार को खरीक प्रखंड के ध्रुवगंज के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 99 पर गर्भवती महिलाओं को आरटीई के पैकेट दिए गए। 

 

महिलाओं को पैकेट के इस्तेमाल एवं इससे होने वाले लाभ की दी गई जानकारी: एएनएम पूनम कुमारी ने बताया इस दौरान गर्भवती महिला एवं धात्री महिलाओं में आरटीई पैकेट का वितरण किया गया। आरटीई पैकेट के इस्तेमाल एवं इससे होने वाले लाभ की जानकारी दी गई। स्वच्छ भारत मिशन के तहत महिलाओं बच्चों को स्वच्छता के बारे में बताया गया। एएनएम के साथ आशा पुतुल शर्मा व सेविका रेखा कुमारी भी मौजूद थीं। वहीं लाभुक सुलेखा देवी, खुशबू कुमारी, पूजा कुमारी व सुलेखा ने बताया एएनएम ने यह संदेश भिजवाया कि फिर से टीकाकरण की शुरुआत हो गई है तो हम यहां आ गए। इस दौरान हमलोगों को बीमारी से बचाव के बारे में भी जानकारी दी गई। साथ ही हमलोगों को आरटीई का पैकेट भी दिया गया। 

खरीक पीएचसी प्रभारी डॉ. नीरज कुमार सिंह ने कहा कि हर बुधवार और शुक्रवार को ही टीके लगाए जाते हैं और किट का वितरण किया जाता है। अभी कोरोना का माहौल है तो ऐसे में सामाजिक दूरी का ख्याल रखते हुए इस अभियान के चलाया जा रहा है।

 

कोरोना वायरस के प्रति किया जा रहा जागरूक: डॉ. नीरज ने बताया कि डोर टू डोर टीएचआर वितरण के दौरान आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा लाभार्थियों व उनके परिजनों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के बारे में जानकारी दी जा रही है। सेविकाओं द्वारा लोगों को सामाजिक दूरी का का पालन, मास्क का उपयोग, हाथों की नियमित धुलाई, अपने आस-पास साफ सफाई रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

इसलिए जरूरी है टीकाकरण

टीकाकरण का तत्काल लाभ है व्यक्ति की प्रतिरक्षा। यह किसी रोग के खिलाफ दीघकालिक, कभी-कभी जीवन भर सुरक्षा प्रदान करता है। शुरुआती बाल्यावस्था प्रतिरक्षा अनुसूची में अनुशंसित टीके बच्चों को खसरा, चेचक, न्यूमोकोकल रोग और अन्य बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। बच्चे ज्यों-ज्यों बड़े होते जाते हैं, अतिरिक्त टीके उन्हें उन रोगों से सुरक्षा प्रदान करते हैं जो किशोरों और वयस्कों को प्रभावित करते हैं। साथ ही उन रोगों से भी सुरक्षा प्रदान करते हैं जो दूसरे क्षेत्रों में यात्रा करने के दौरान उत्पन्न हो सकते हैं। 

 

टीकाकरण के हैं ये फायदे

-रोगप्रतिरक्षण विकसित होता है और उनकी रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।

-वैक्सीनेशन से बच्‍चों में कई संक्रामक बीमारियों की वक्त रहते रोकथाम हो जाती है।

-इन छह जानलेवा बीमारियों से बचाव के टीके लगाना सभी बच्चों के लिए जरूरी है। खसरा, टिटनस, पोलियो, क्षय रोग, गलघोंटू, काली खांसी और हेपेटाइटिस बी से बचाव होता है।

-कुछ टीके गर्भवती महिलाओं को भी लगाए जाते हैं, जिससे उन्हें व होने वाले शिशु को टिटनस व अन्य गंभीर बीमारियों से बचाया जा सके।

-बच्चों को जुकाम होने पर डॉक्टर उन्हें टीका लगाने से मना करते हैं, लेकिन यदि जुकाम व बुखार दो दिन में न जाए तो आप डॉक्टर की सलाह लें।

रिपोर्टर

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