विश्व जनसंख्या दिवस विशेष -परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा की शुरूआत विश्व जनसंख्या दिवस के साथ

-जिला में 24.6 प्रतिशत विवाहित महिलाएं करती हैं परिवार नियोजन

‘‘कोरोना महामारी के दौर में महिलाओं और बालिकाओं की सेहत और अधिकारों की सुरक्षा’’ इस वर्ष की थीम 


भागलपुर , 10 जुलाई:  11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस है. कोविड 19 आपदा के दौरान प्रजनन व मातृत्व स्वास्थ्य की देखभाल व अनचाहे गर्भधारण की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा गाइडलाइन के नियमों का पालन कर कई गतिविधियों का संचालन किया गया है. जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर आयोजित गतिविधियों के तहत आशा व आंगनबाड़ी सेविका दंपति से संपर्क कर उन्हें परिवार नियोजन की जानकारी दे रही हैं. इसके साथ ही नसबंदी व बंध्याकरण कराने के लिए उनका पंजीयन भी कराया जा रहा है. इस दिशा में राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा सिविल सर्जन को निर्देश जारी कर इस माह दो चरणों में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा के तहत दंपति संपर्क पखवाड़ा व परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा आयोजित करने की बात कही गयी है. दूसरे चरण में परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा की शुरूआत विश्व जनसंख्या दिवस के साथ ही हो रही है. यह पखवाड़ा 31 जुलाई तक आयोजित होगी. इस वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस की थीम " कोरोना महामारी के दौर में महिलाओं और बालिकाओं की सेहत और अधिकारों की सुरक्षा’’ है.


31 जुलाई तक लें परिवार नियोजन सेवा का लाभ:  

परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का आयोजन 11 जुलाई से 31 जुलाई होना है. पखवाड़े के दौरान कॉपर टी, गर्भनिरोधक सुई, महिला एवं पुरुष नसबंदी आदि की सेवा प्रदान किया जाना है. योग्य दंपतियों को उनकी इच्छानुसार अस्थायी सेवा यथा माला एन, छाया, आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली अथवा कंडोम तत्काल उपलब्ध कराना है. साथ ही उनकी मांग के अनुसार 2 माह तक का उनकी पसंद वाले गर्भनिरोधक सामग्री उपलब्ध करायी जायेगी. नसबंदी अथवा बंध्याकरण कराने वालों का पंजीयन कर यह सेवा उन्हें उपलब्ध करानी है.


क्या कहते हैं सिविल सर्जन: 

सिविल सर्जन डॉ  विजय कुमार सिंह बताया स्वास्थ्य केंद्रों की आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं को ग्रामीण व शहरी सभी महिलाओं के बीच जाकर परिवार नियोजन सेवा की जानकारी देने के लिए कहा गया है. सामुदायिक स्तर तक परिवार नियोजन साधनों की उपलब्धता को सुनिश्चित कराना मां और शिशु के बेहतर स्वास्थ्य व लैंगिक समानता के लिए जरूरी है. कोविड 19 महामारी के बीच प्रजनन व मातृ स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए उद्देश्य से जुलाई माह में जिला में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का आयोजन कर चिन्हित लाभार्थियों को परिवार नियोजन की सुविधाएं मुहैया करायी जायेंगी.


जिला में परिवार नियोजन की स्थिति: 

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे 4 की रिपोर्ट के मुताबिक जिला में 15 से 49 वर्ष आयु समूह की 24.6 प्रतिशत विवाहित महिलाएं परिवार नियोजन के साधनों का इस्तेमाल करती हैं. 22.9  फीसदी महिलाएं आधुनिक परिवार नियोजन के साधनों का इस्तेमाल करती हैं. महिला बंध्याकरण का प्रतिशत 20.7  प्रतिशत है

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