आशा कार्यकर्ताओं को आरडीटी किट से मलेरिया जांच का मिला प्रशिक्षण

 
-जांच करने पर प्रति व्यक्ति 15 और मरीज का इलाज कराने पर 75 रुपये की राशि मिलेगी
-सदर अस्पताल में जिले की आशा कार्यकर्ताओं को मलेरिया को लेकर दिया गया प्रशिक्षण
 
बांका, 22 फरवरी-
 
सदर अस्पताल में मंगलवार को आशा कार्यकर्ताओं को मलेरिया को लेकर प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान उन्हें बताया गया कि अपने पोषक क्षेत्र में जाकर आरडीटी किट से लोगों की मलेरिया जांच करें। इसे लेकर आशा कार्यकर्ताओं को प्रति व्यक्ति जांच करने पर 15 रुपये की राशि भी दी जाती है। साथ ही मलेरिया के मरीज मिलने पर उसका इलाज कराने पर 75 रुपये की राशि अलग से दी जाती है। प्रशिक्षण के दौरान सभी आशा कार्यकर्ताओं को क्षेत्र में तेज गति से जांच करने और क्षेत्र को मलेरिया से मुक्त करने में लग जाने के लिए कहा गया। इसे लेकर आशा कार्यकर्ताओं को मलेरिया की पहचान करने को लेकर इसके लक्षण और बचाव की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में अमरपुर, बाराहाट, बौंसी, बेलहर, चांदन एवं फुल्लीडुमर की आशा कार्यकर्ता शामिल थीं। ट्रेनिंग देने का काम जिला वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. बीरेंद्र कुमार यादव और वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल ने किया। मौके पर सुभाष कुमार साह, राकेश कुमार और सौरभ कुमार भी मौजूद थे।
आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देते हुए डॉ. बीरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि मलेरिया प्लाजमोडियम नामक परजीवी से संक्रमित मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया एक प्रकार का बुखार है जो किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। इसमें कंपकंपी के साथ 103 से लेकर 105 डिग्री तक बुखार होता है। कुछ घंटों के बाद पसीने के साथ बुखार उतर जाता है, लेकिन बुखार आते-जाते रहता है। उन्होंने कहा कि फेलसीपेरम मलेरिया (दिमारी मलेरिया) की अवस्था में तेज बुखार होता है। खून की कमी हो जाती है। बुखार दिमाग पर चढ़ जाता है। फेफड़े में सूजन हो जाती है। पीलिया एवं गुर्दे की खराबी फेलसीपेरम मलेरिया की मुख्य पहचान है।
सरकारी अस्पतालों में जांच और इलाज की मुफ्त व्यवस्थाः डॉ. यादव ने कहा कि मलेरिया बुखार होने पर पीड़ित व्यक्ति को नजदीकी सरकारी अस्पताल जाना चाहिए। खून की जांच में मलेरिया निकलने पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा लेनी चाहिए। सरकारी अस्पतालों में इसकी निःशुल्क जांच और इलाज की व्यवस्था है। मलेरिया फैलाने वाला मच्छर किसी स्थान पर ठहरे हुए साफ पानी और धीमी गति से बहने वाली नालियों में अंडे देती है और वहां पर पनपती है।
सोते समय मच्छरदानी का करें प्रयोगः आरिफ इकबाल ने  मलेरिया से बचने की सलाह देते हुए कहा कि पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े पहनें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आसपास जलजमाव वाली जगहों को मिट्टी से भर दें। जलजमाव वाले स्थान पर केरोसिन तेल या डीजल डालें। घर के आसापस बहने वाली नाले की साफ-सफाई करते रहें। उन्होंने कहा कि मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में सरकार की तरफ से डीडीटी का छिड़काव कराया जाता है। छिड़काव कर्मियों के आने पर उनका सहयोग करें और छिड़काव की तिथि की जानकारी ग्रामीणों को दें।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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