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फाइलेरिया से बचाव को जागरूकता और सतर्कता के साथ साल में एक बार दवा खाना बेहद जरूरी
- फाइलेरिया उन्मूलन को आगामी 10 फरवरी से देशभर में एक साथ शुरू होगा सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम
- फाइलेरिया से बचाव को सामुदायिक स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को किया जा रहा है जागरूक
मुंगेर, 12 जनवरी-
फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर और सजग है। जिसे सार्थक रूप देने के लिए सरकार के द्वारा आगामी 10 फरवरी से देश भर में एक साथ सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम चलाकर लोगों को इस बीमारी के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार के बारे में समय- समय पर जानकारी दी जा रही है। , ताकि सामुदायिक स्तर पर लोग जागरूक हो शुरुआती दौर में ही बीमारी की पहचान कर अपना इलाज शुरू करवा सकें । मालूम हो कि इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता के साथ-साथ सतर्कता भी बेहद जरूरी है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा नियमित तौर पर लगातार विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही फाइलेरिया से पीड़ित व्यक्ति को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं की भी जानकारी दी जा रही है। ताकि संबंधित मरीज अपना सुविधाजनक तरीके से इलाज करवाकर बीमारी पर रोकथाम सुनिश्चित कर सकें ।
- फाइलेरिया से बचाव के लिए साल में एक बार अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा का सेवन है जरूरी :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए भारत सरकार के गाइडलाइन के अनुसार साल में एक बार फाइलेरिया रोधी दवाओं, अल्बेंडाजोल, डीईसी या अल्बेंडाजोल, डीईसी और आईवर मैक्टिन दवा का सेवन बेहद जरूरी है। इसीलिए सरकार द्वारा आगामी 10 फरवरी से अगले 14 दिनों देश भर में एक साथ एमडीए अभियान का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ता और शहरी क्षेत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर अपने सामने लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाइयां खिलाएंगी । इस दौरान दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार मरीजों को दवा नहीं खिलानी है। इसके अलावा फाइलेरिया से पीड़ित व्यक्ति को स्थानीय स्वास्थ्य संस्थानों में शिविर आयोजित कर एमएमडीपी किट उपलब्ध करायी जा रही है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एएनएम, आशा कार्यकर्ता समेत अन्य कर्मियों के सहयोग से अभियान चलाकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।
- क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया : वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी ( वीडीसीओ ) संजय कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका कोई पर्याप्त इलाज संभव नहीं है। लेकिन, इसे शुरुआती दौर में ही पहचान करते हुए रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह स्वच्छ पानी से साफ करना चाहिए। इसके साथ ही सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा का नियमित सेवन करना चाहिए।
- फाइलेरिया मुख्यतः मनुष्य के शरीर के चार अंगों को प्रभावित करता-
उन्होंने बताया कि फाइलेरिया मुख्यतः मनुष्य के शरीर के चार अंगों को प्रभावित करता है। जिसमें पैर, हाथ, हाइड्रोसील एवं महिलाओं का स्तन शामिल हैं । हाइड्रोसील के अलावा फाइलेरिया संक्रमित अन्य अंगों को ऑपरेशन के द्वारा ठीक नहीं किया जा सकता है। संक्रमित व्यक्ति को सामान्य उपचार के लिए किट उपलब्ध कराई जाती है, जबकि हाइड्रोसील फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को मुफ्त ऑपरेशन की सुविधा मुहैया कराई जाती ।
- साइड इफेक्ट से घबराएं नहीं :
उन्होंने बताया कि दवा सेवन के बाद किसी तरह के सामान्य साइड इफेक्ट से घबराने की जरूरत नहीं है। अमूमन जिनके अंदर फाइलेरिया के परजीवी होते हैं, उनमें ही साइड इफेक्ट देखने को मिलते हैं। साइड इफेक्ट सामान्य होते, जो प्राथमिक उपचार से ठीक हो जाते हैं।
- फाइलेरिया क्या है ?
- फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है।
- किसी भी उम्र का व्यक्ति फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है।
- फाइलेरिया के लक्षण हाथ और पैर में सूजन (हाँथीपाँव) व हाईड्रोसील (अण्डकोष में सूजन) है।
- किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात बीमारी होने में 05 से 15 वर्ष लग सकते हैं।
- इन बातों का रखें ख्याल :
- भूखे पेट दवा नहीं खिलानी है।
- किसी के बदले किसी अन्य को दवा ना दें
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar